सहायक प्रोफेसरों (Assistant professors) की लंबित भर्ती प्रक्रिया (hiring process) बनी पहेली, भर्तियों के आवेदन पर असमंजस (Confusion)
सहायक प्रोफेसरों (Assistant professors) की लंबित भर्ती प्रक्रिया (hiring process) बनी पहेली, भर्तियों के आवेदन पर असमंजस (Confusion)
इलाहाबाद : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (Higher education service commission) की ओर से प्रदेश के अशासकीय कालेजों में शिक्षकों की भर्ती (Recruitment of Teachers) अभी पहेली बनी हुई है। असिस्टेंट प्रोफेसर और प्राचार्य भर्ती के विज्ञापनों समेत बैकलॉग के परिणाम भी लटके हैं, जबकि विज्ञापन 37 के परिणाम जारी करने के लिए न्यायालय की गाइड लाइन भी काफी पहले आ चुकी है। आयोग का कहना है कि अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा के लखनऊ से लौटते ही भर्ती परीक्षाओं और बैकलॉग के परिणाम पर निर्णय होगा।
आयोग का पुनर्गठन (Commission reconstitution) हुए एक महीने से अधिक हो चुके हैं। सात फरवरी को अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा सहित शेष सदस्यों का पदभार ग्रहण हुआ था और 22 फरवरी को इस नई परीक्षा समिति की पहली बैठक में शिक्षक भर्ती परीक्षा (Teacher recruitment examination) के मानक में बदलाव पर विचार हुआ था। इसमें यह तय हुआ था कि विज्ञापन संख्या 47 के तहत अशासकीय कालेजों में सहायक प्रोफेसर (Assistant professor) के 1150 पदों पर और विज्ञापन संख्या 48 के तहत अशासकीय कालेजों में प्राचार्य के 284 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराई जाएगी। संशोधित गाइड लाइन में यह तय करना था कि विज्ञापन नए सिरे से जारी कर आवेदन मांगे जाएं या पुराने विज्ञापनों के आधार पर ही परीक्षा कराई जाए। संशोधित गाइड लाइन (Revised guide line) बनाने को कमेटी का गठन भी हो चुका है।
लंबित भर्तियों के आवेदन पर असमंजस : सूत्र तो यह कहते हैं कि चूंकि भर्ती की लंबित प्रक्रिया में कई आरोप लग चुके हैं, शासन भी साफ सुथरी प्रक्रिया चाहता है इसलिए आयोग की बैठक में लंबित प्रक्रिया को नए सिरे से कराने पर निर्णय हो सकता है। इसीलिए अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा इन दिनों लखनऊ में हैं। आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी का कहना है कि आवेदनों को नए सिरे से लेने की कोई योजना नहीं है। विज्ञापन 46 की भर्ती प्रक्रिया तो आधी हो भी चुकी है। फिर भी इस संभावना को उन्होंने परीक्षा समिति (Examination committee) के निर्णय पर निर्भर बताया है। कहा कि अध्यक्ष जल्द ही लौटेंगे और उनके नेतृत्व में होने वाली बैठक में परीक्षा शुरू कराने के निर्णय लिए जाएंगे।
सहायक प्रोफेसरों (Assistant professors) की लंबित भर्ती प्रक्रिया (hiring process) बनी पहेली, भर्तियों के आवेदन पर असमंजस (Confusion)
Reviewed by Anonymous
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March 14, 2018
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