स्नातक की डिग्री (Bachelor Degree) का पाठ्यक्रम 3 की जगह होगा चार साल का
नई दिल्ली नीलम पांडेदेश में स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए छात्रों को अब तीन की जगह चार साल की पढ़ाई करनी पड़ सकती है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (National Education Policy) के विवादास्पद प्रस्ताव में मानव संसाधन विकास मंत्रलय को ऐसा प्रस्ताव दिया गया है। मंत्रलय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर लंबी बैठकों में चर्चा की है। इस बैठक में मौजूद सदस्यों ने कहा कि समिति इस मुद्दे को गंभीरता से समझा है और चार साल के पाठ्यक्रम के निष्कर्ष पर पहुंची है। अब यह प्रस्ताव मंत्रलय (Ministry of motion) के पास विचाराधीन है। समिति का तर्क है कि इंजीनियरिंग के छात्र स्नातक बनने के लिए चार साल देते हैं। इसमें उन्हें प्रोजेक्ट पर काम करने और इंटर्नशिप के लिए पर्याप्त समय मिलता है। इसलिए प्रस्ताव दिया है कि देश के सारे विश्वविद्यालयों में चार साल का स्नातक पाठ्यक्रम (degree course) चलाया जाए। इससे छात्रों को सर्वागीण विकास के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा। मानव संसाधन मंत्रलय ने इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अगुवाई में नई शिक्षा नीति (एनईपी) तैयार करने के लिए एक समिति गठित की है। इस समिति में आठ सदस्य हैं जिसमें पूर्व आईएएस मंजुल भार्गव और केंद्र में मंत्री केजे अल्फोंस भी शामिल हैं। समिति 31 मार्च तक अपना रिपोर्ट सौंप सकती है।
प्रशिक्षण का मौका मिलेगा
समिति के एक अधिकारी के अनुसार चार साल का पाठ्यक्रम होने के कारण छात्रों को प्रशिक्षण पाने का ज्यादा मौका मिलेगा जिससे वे बेहतर नौकरियां तलाश (Better job search) पाने में सक्षम होंगे। अगर ऐसा प्रस्ताव आता है, तो उस पर खुले दिमाग से विचार होगा।
पहले प्रयोग विफल रहा था
दिल्ली विश्वविद्यालय में साल 2013 में चार साल का पाठ्यक्रम पेश किया गया था। मगर छात्रों और शिक्षकों के विरोध के बाद अगले ही साल इसे वापस लेना पड़ा। तब तत्कालीन मानव संसाधन (Hr resources) मंत्री स्मृति ईरानी को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
स्नातक की डिग्री (Bachelor Degree) का पाठ्यक्रम 3 की जगह होगा चार साल का
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March 17, 2018
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