प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय पर मांगा हलफनामा, सरकार को 23 मई तक अंतिम मौका, वरना 27 मई को होने जा रही शिक्षक भर्ती परीक्षा पर आ सकते हैं संकट के बादल
प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय पर मांगा हलफनामा, सरकार को 23 मई तक अंतिम मौका, वरना 27 मई को होने जा रही शिक्षक भर्ती परीक्षा पर आ सकते हैं संकट के बादल
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा है कि प्राथमिक स्कूलों में उर्दू वैकल्पिक विषय है या नहीं, यदि है तो इसका पाठ्यक्रम क्या है? यह सवाल करते हुए कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा की ओर से दी गई जानकारी को विरोधाभाषी माना और 23 मई 2018 तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है। 27 मई को शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा होने जा रही है इससे पहले ही कोर्ट स्थिति को स्पष्ट करना चाहती है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने मोहम्मद मुंतजिम व तीन अन्य की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि प्राथमिक स्कूल में संस्कृत व उर्दू वैकल्पिक विषय है, जबकि शिक्षक भर्ती में उर्दू को शामिल नहीं किया गया है। याचिका पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा से हलफनामा मांगा था। अपर मुख्य सचिव ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि प्राथमिक स्कूलों में उर्दू वैकल्पिक विषय नहीं है। इसलिए इसका पाठ्यक्रम भी नहीं है। हालांकि उर्दू माध्यम के प्राथमिक स्कूल हैं। उनमें पर्याप्त संख्या में उर्दू अध्यापक भी हैं। अतिरिक्त उर्दू अध्यापकों की जरूरत नहीं है। जबकि, याची का कहना है कि प्राथमिक स्कूलों में भी उर्दू वैकल्पिक विषय है। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक के हलफनामे में दी गई जानकारी को विरोधाभाषी व अविश्वसनीय माना और नए सिरे से बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। सरकारी अधिवक्ता की ओर से समय मांगा गया जिस पर कोर्ट ने 23 मई तक अंतिम मौका दिया।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने मोहम्मद मुंतजिम व तीन अन्य की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि प्राथमिक स्कूल में संस्कृत व उर्दू वैकल्पिक विषय है, जबकि शिक्षक भर्ती में उर्दू को शामिल नहीं किया गया है। याचिका पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा से हलफनामा मांगा था। अपर मुख्य सचिव ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि प्राथमिक स्कूलों में उर्दू वैकल्पिक विषय नहीं है। इसलिए इसका पाठ्यक्रम भी नहीं है। हालांकि उर्दू माध्यम के प्राथमिक स्कूल हैं। उनमें पर्याप्त संख्या में उर्दू अध्यापक भी हैं। अतिरिक्त उर्दू अध्यापकों की जरूरत नहीं है। जबकि, याची का कहना है कि प्राथमिक स्कूलों में भी उर्दू वैकल्पिक विषय है। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक के हलफनामे में दी गई जानकारी को विरोधाभाषी व अविश्वसनीय माना और नए सिरे से बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। सरकारी अधिवक्ता की ओर से समय मांगा गया जिस पर कोर्ट ने 23 मई तक अंतिम मौका दिया।
प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय पर मांगा हलफनामा, सरकार को 23 मई तक अंतिम मौका, वरना 27 मई को होने जा रही शिक्षक भर्ती परीक्षा पर आ सकते हैं संकट के बादल
Reviewed by Anonymous
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May 16, 2018
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