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PCS-J: पीसीएस-जे परीक्षा के लिए 2018 का सत्र भी शून्य:भाषाई भेदभाव खत्म व परीक्षा के लिए सीएम व गवर्नर से मिलना भी गया व्यर्थ

PCS-J: पीसीएस-जे परीक्षा के लिए 2018 का सत्र भी शून्य:भाषाई भेदभाव खत्म व परीक्षा के लिए सीएम व गवर्नर से मिलना भी गया व्यर्थ

परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को सत्र 2018 में भी बड़ा झटका लगा है। शासन से पदों का अधियाचन नहीं आ सका है। इसके चलते आयोग की ओर से दूसरी छमाही के जारी परीक्षा कैलेंडर से पीसीएस जे परीक्षा गायब है। पीसीएस जे परीक्षा का सत्र शून्य जाने का यह लगातार दूसरा साल है।
आयोग से पीसीएस जे परीक्षा 2016 में 218 पदों के लिए हुई थी। इसका अंतिम परिणाम भी घोषित हो चुका है। इसके बाद से अब तक यह परीक्षा नहीं हो सकी है। आयोग ने 2017 में परीक्षा नहीं कराई। साल 2018 की पहली छमाही के परीक्षा कार्यक्रमों में आयोग ने पीसीएस जे 2018 परीक्षा 13 मई को घोषित की थी लेकिन, यह 15 जनवरी तक अधियाचन आने की स्थिति में ही संभव था। तय अवधि में शासन से पदों का अधियाचन नहीं आ सका, तो दूसरी छमाही में इसकी उम्मीद की जाने लगी। पिछले दिनों आयोग से परीक्षा कैलेंडर जारी किया तो उसमें से पीसीएस जे परीक्षा नदारद है।1गौरतलब है कि पीसीएस जे में भाषाई भेदभाव खत्म करने की मांग और परीक्षा कराने के लिए अभ्यर्थियों ने कई दिनों तक आंदोलन किया था। लखनऊ में राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की तो उनसे सकारात्मक आश्वासन मिला। फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल मिला तो जल्द ही कोई उचित निर्णय लेने का आश्वासन मिला। लेकिन, अभ्यर्थियों की उम्मीद पर पानी फिर गया है। 2018 में इस परीक्षा के लिए पदों का अधियाचन न आने से अभ्यर्थियों में निराशा व्याप्त हो गई है। आयोग का कहना है कि शासन से पदों का अधियाचन आने पर ही पाठ्यक्रम व लिखित परीक्षा की तैयारी की जाती है। अधियाचन अभी नहीं मिल सका है।
PCS-J: पीसीएस-जे परीक्षा के लिए 2018 का सत्र भी शून्य:भाषाई भेदभाव खत्म व परीक्षा के लिए सीएम व गवर्नर से मिलना भी गया व्यर्थ PCS-J: पीसीएस-जे परीक्षा के लिए 2018 का सत्र भी शून्य:भाषाई भेदभाव खत्म व परीक्षा के लिए सीएम व गवर्नर से मिलना भी गया व्यर्थ Reviewed by Anonymous on May 29, 2018 Rating: 5

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