सरकारी स्कूलों में यूनिफॉर्म वितरण में 1.5 करोड़ का गोलमाल! - 12460 Shikshak Bharti
भदोही: जिले के सरकारी स्कूलों में यूनिफॉर्म वितरण में करीब डेढ़ करोड़
रुपये के गोलमाल का मामला सामने आया है। वाणिज्य कर विभाग की जांच में इसका
खुलासा हुआ है। बाजार से रेडीमेड ड्रेस खरीद कर स्कूलों में बांट दी गई और
सिलाई की रकम आरोपित डकार गए। फर्मों और नोडल अफसरों की मिलीभगत से हुए इस
खेल की जांच अब एसआईबी (विशेष अनुसंधान शाखा) करेगी। डिप्टी कमिश्नर
वाणिज्यकर के अनुरोध पर एसआईबी के जॉइंट कमिश्नर ने जांच की मंजूरी दे दी
है।
प्राथमिक विद्यालयों में प्रत्येक बच्चे को जुलाई में दो जोड़ी यूनिफॉर्म सरकार की ओर से दिए जाते हैं। सत्र 2017-18 में जिले के 1.48 लाख छात्र-छात्राओं के यूनिफॉर्म के लिए 6 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके बाद फर्मों के माध्यम से यूनिफॉर्म का वितरण कराया गया था। मानक के अनुसार पंजीकृत संस्थाओं को यूनिफॉर्म की सिलाई कराने के बाद वितरण करना था, लेकिन एक भी संस्था ने सिलाई नहीं कराई। सभी ने दुकानों से रेडीमेड ड्रेस खरीदकर स्कूलों को आपूर्ति कर दी। अधिवक्ता आदर्श त्रिपाठी ने डीएम और बीएसए से इस मामले की शिकायत की थी। कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने वाणिज्यकर विभाग को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की।
प्राथमिक विद्यालयों में प्रत्येक बच्चे को जुलाई में दो जोड़ी यूनिफॉर्म सरकार की ओर से दिए जाते हैं। सत्र 2017-18 में जिले के 1.48 लाख छात्र-छात्राओं के यूनिफॉर्म के लिए 6 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके बाद फर्मों के माध्यम से यूनिफॉर्म का वितरण कराया गया था। मानक के अनुसार पंजीकृत संस्थाओं को यूनिफॉर्म की सिलाई कराने के बाद वितरण करना था, लेकिन एक भी संस्था ने सिलाई नहीं कराई। सभी ने दुकानों से रेडीमेड ड्रेस खरीदकर स्कूलों को आपूर्ति कर दी। अधिवक्ता आदर्श त्रिपाठी ने डीएम और बीएसए से इस मामले की शिकायत की थी। कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने वाणिज्यकर विभाग को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की।
सरकारी स्कूलों में यूनिफॉर्म वितरण में 1.5 करोड़ का गोलमाल! - 12460 Shikshak Bharti
Reviewed by Anonymous
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July 07, 2018
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