टीईटी 2011 में अंकों के गोलमाल पर ही बदली थी परीक्षा संस्था: PNP को उप्र को शिक्षक भर्ती व अन्य परीक्षाएं जिस वजह से मिलीं, अंकों का वही गोलमाल फिर सामने आया
इलाहाबाद : अजीब संयोग है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र को शिक्षक भर्ती व अन्य परीक्षाएं जिस वजह से मिलीं, अंकों का वही गोलमाल फिर सामने आया है। परीक्षा में अंकों की हेराफेरी सामने आने से सात साल पहले की तरह कार्रवाई भी होने जा रही है। इसमें कई अफसर मुख्यमंत्री कार्यालय के निशाने पर हैं।
प्रदेश में पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा बसपा शासनकाल 2011 में हुई थी। ये इम्तिहान का जिम्मा यूपी बोर्ड जैसी संस्था को दिया, ताकि परीक्षा बेहतर तरीके से कराई जाए। परिणाम आने के बाद अंकों का गोलमाल होने की एक नहीं कई मामले लगातार सामने आए। संस्था के अफसर व कर्मचारियों से मिलकर जालसाजों ने टेबुलेशन रिकॉर्ड तक में हेराफेरी कराई। ज्ञात हो कि टीईटी 2011 में 11 लाख 53 हजार 155 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया, 11 लाख 21 हजार 310 परीक्षा में शामिल हुए, उनमें से पांच लाख 72 हजार 499 परीक्षा उत्तीर्ण किया। इस परीक्षा में अब तक के रिकॉर्ड में सर्वाधिक अभ्यर्थी बैठे और सफलता प्रतिशत सबसे अधिक रहा। पुलिस जांच में भ्रष्टाचार खुला तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन गिरफ्तार हुए। खास बात यह है कि जिस तरह शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद 68500 भर्ती में अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिलनी थी, उसी तरह टीईटी 2011 उत्तीर्ण करने के बाद 72825 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति होनी थी। इसीलिए परीक्षा परिणाम को दुरुस्त कराने को परीक्षा की शुचिता तार-तार कर दी गई। पहली टीईटी परीक्षा में भ्रष्टाचार के कारण अगले वर्ष 2012 में ये इम्तिहान नहीं कराया जा सका।
प्रदेश में पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा बसपा शासनकाल 2011 में हुई थी। ये इम्तिहान का जिम्मा यूपी बोर्ड जैसी संस्था को दिया, ताकि परीक्षा बेहतर तरीके से कराई जाए। परिणाम आने के बाद अंकों का गोलमाल होने की एक नहीं कई मामले लगातार सामने आए। संस्था के अफसर व कर्मचारियों से मिलकर जालसाजों ने टेबुलेशन रिकॉर्ड तक में हेराफेरी कराई। ज्ञात हो कि टीईटी 2011 में 11 लाख 53 हजार 155 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया, 11 लाख 21 हजार 310 परीक्षा में शामिल हुए, उनमें से पांच लाख 72 हजार 499 परीक्षा उत्तीर्ण किया। इस परीक्षा में अब तक के रिकॉर्ड में सर्वाधिक अभ्यर्थी बैठे और सफलता प्रतिशत सबसे अधिक रहा। पुलिस जांच में भ्रष्टाचार खुला तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन गिरफ्तार हुए। खास बात यह है कि जिस तरह शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद 68500 भर्ती में अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिलनी थी, उसी तरह टीईटी 2011 उत्तीर्ण करने के बाद 72825 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति होनी थी। इसीलिए परीक्षा परिणाम को दुरुस्त कराने को परीक्षा की शुचिता तार-तार कर दी गई। पहली टीईटी परीक्षा में भ्रष्टाचार के कारण अगले वर्ष 2012 में ये इम्तिहान नहीं कराया जा सका।
टीईटी 2011 में अंकों के गोलमाल पर ही बदली थी परीक्षा संस्था: PNP को उप्र को शिक्षक भर्ती व अन्य परीक्षाएं जिस वजह से मिलीं, अंकों का वही गोलमाल फिर सामने आया
Reviewed by CNN World News
on
September 08, 2018
Rating:
No comments: