गजब! जिन पर आरोप, वही हैं 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के जांच अधिकारी: बेसिक शिक्षा के ही चार अफसरों से पूरे प्रकरण पर मांगी गई रिपोर्ट Shikshak Bharti
गजब! जिन पर आरोप, वही हैं 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के जांच अधिकारी: बेसिक शिक्षा के ही चार अफसरों से पूरे प्रकरण पर मांगी गई रिपोर्ट Shikshak Bharti
इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती की गड़बड़ियां खंगालने को एक जांच कमेटी बन चुकी है, दूसरी प्रस्तावित है। शासन ने बुधवार को तीसरी जांच टीम भी गठित कर दी है। बड़े अफसरों की जांच में चौंकाने वाले नतीजे आने की उम्मीद नहीं की जा सकती, बल्कि प्रकरण की लीपापोती होने के ही आसार हैं। वजह यह है कि भर्ती के मामलों को लेकर चारों पहले से अभ्यर्थियों के निशाने पर रहे हैं।
परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में दो ऐसे अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो इम्तिहान में शामिल ही नहीं हो सके थे। यह राजफाश ‘दैनिक जागरण’ के करते ही अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डा. प्रभात कुमार ने चार अफसरों की जांच टीम गठित की है। इनमें बेसिक शिक्षा सचिव मनीषा त्रिघाटिया, बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह, एससीईआरटी निदेशक संजय सिन्हा और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह शामिल हैं। समिति शिकायतों के निस्तारण के साथ ही भविष्य में इस तरह की कोई गड़बड़ी न होने पाए, इसके लिए सुझाव भी सरकार को देगी यह अपेक्षा भी की गई है। खास बात यह है कि का शासनादेश जारी होने से लेकर चयनितों को नियुक्ति पत्र देने तक में इन्हीं अफसरों पर अलग वजहों से अंगुली उठती रही है।
सूत्रों के मुताबिक, जांच समिति में शामिल एक अफसर के निर्देश पर चयन सूची का मानक 68500 से घटाकर 41556 किया गया। दूसरे अफसर के लिए कहा जा रहा है कि ढिलाई के कारण तय समय पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं बांटे जा सके।
परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में दो ऐसे अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो इम्तिहान में शामिल ही नहीं हो सके थे। यह राजफाश ‘दैनिक जागरण’ के करते ही अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डा. प्रभात कुमार ने चार अफसरों की जांच टीम गठित की है। इनमें बेसिक शिक्षा सचिव मनीषा त्रिघाटिया, बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह, एससीईआरटी निदेशक संजय सिन्हा और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह शामिल हैं। समिति शिकायतों के निस्तारण के साथ ही भविष्य में इस तरह की कोई गड़बड़ी न होने पाए, इसके लिए सुझाव भी सरकार को देगी यह अपेक्षा भी की गई है। खास बात यह है कि का शासनादेश जारी होने से लेकर चयनितों को नियुक्ति पत्र देने तक में इन्हीं अफसरों पर अलग वजहों से अंगुली उठती रही है।
सूत्रों के मुताबिक, जांच समिति में शामिल एक अफसर के निर्देश पर चयन सूची का मानक 68500 से घटाकर 41556 किया गया। दूसरे अफसर के लिए कहा जा रहा है कि ढिलाई के कारण तय समय पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं बांटे जा सके।
गजब! जिन पर आरोप, वही हैं 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के जांच अधिकारी: बेसिक शिक्षा के ही चार अफसरों से पूरे प्रकरण पर मांगी गई रिपोर्ट Shikshak Bharti
Reviewed by CNN World News
on
September 07, 2018
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