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68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट की हड़बड़ी में दांव पर लगा दी परीक्षा: परीक्षा में दो बार उत्तरकुंजी करने के बाद मूल्यांकन में एक माह का रहा समय, सब्जेक्टिव प्रश्नों के जवाब जांचने की जल्दी में बढ़ती गई गलतियां Shikshak Bharti

68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट की हड़बड़ी में दांव पर लगा दी परीक्षा: परीक्षा में दो बार उत्तरकुंजी करने के बाद मूल्यांकन में एक माह का रहा समय, सब्जेक्टिव प्रश्नों के जवाब जांचने की जल्दी में बढ़ती गई गलतियां Shikshak Bharti


इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती की पहली बार हुई लिखित परीक्षा में तमाम पारदर्शी इंतजाम जल्दबाजी की भेंट चढ़ गए। परीक्षा में ओएमआर शीट की जगह उत्तर पुस्तिका का प्रयोग हुआ, इससे उसके एक-एक प्रश्न जांचने में लंबा समय लग रहा था। पहले परीक्षक खोजने में समय लगा फिर मूल्यांकन खिंचता गया। उधर, अफसरों को जल्दी रिजल्ट देने का दबाव बढ़ता रहा। इससे गलतियां भी उसी रफ्तार से होती चली गईं, जो अब परत-दर-परत सामने आ रही हैं।

शिक्षक भर्ती की 12 मार्च को होनी वाली लिखित परीक्षा हाईकोर्ट के निर्देश पर टाली गई और यह इम्तिहान 27 मई को कराया जा सका। शासन ने पहली परीक्षा में पारदर्शिता बरतने के ढेरों इंतजाम किए थे। मसलन, अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका की कार्बन कॉपी दी गई। सब्जेक्टिव परीक्षा में उत्तर कुंजी जारी हुई। पहली आंसर शीट छह जून व संशोधित आंसर शीट 18 जून को जारी की गई। उस पर जब आपत्तियां नहीं आई तो उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को परीक्षक खोजे गए। इसमें राजकीय कालेजों के शिक्षक लगाए गए। एक लाख सात हजार से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने में अधिक वक्त की दरकार थी लेकिन, समय किसी तरह एक माह ही मिल सका। उसी बीच रिजल्ट देने की अनुमानित तारीख घोषित कर दी गई। इससे रिजल्ट जल्दी तैयार कराने का आदेश हुआ।

कार्यालय की मानें तो जल्दबाजी ऐसी हुई कि दर्जनों युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया। अनुत्तीर्ण परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए और जिन्हें अधिक अंक मिले थे वह चंद अंक पाकर अनुत्तीर्ण हो गए। इतना ही नहीं जो अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे ही नहीं उनके सम्मुख भी अंक दर्ज हो जाने से वह भी उत्तीर्ण हो गए। ये सारे प्रकरण अब सामने आ रहे हैं और परीक्षा संस्था की किरकिरी हो रही है।

दो जांच पहले से तीसरी कमेटी तय
भर्ती परीक्षा की दो जांच समितियां पहले ही बनाने का निर्देश हुआ। उसमें एक समिति परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव के स्तर से बन चुकी है। दूसरी समिति का गठन हाईकोर्ट के आदेश पर बननी है। इस बनाने के लिए एससीईआरटी निदेशक से अनुरोध हुआ है, वहीं अब शासन ने तीसरी कमेटी तय की है।

68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट की हड़बड़ी में दांव पर लगा दी परीक्षा: परीक्षा में दो बार उत्तरकुंजी करने के बाद मूल्यांकन में एक माह का रहा समय, सब्जेक्टिव प्रश्नों के जवाब जांचने की जल्दी में बढ़ती गई गलतियां Shikshak Bharti 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट की हड़बड़ी में दांव पर लगा दी परीक्षा: परीक्षा में दो बार उत्तरकुंजी करने के बाद मूल्यांकन में एक माह का रहा समय, सब्जेक्टिव प्रश्नों के जवाब जांचने की जल्दी में बढ़ती गई गलतियां Shikshak Bharti Reviewed by CNN World News on September 06, 2018 Rating: 5

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