सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए अनिवार्य होगा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण, समग्र शिक्षा के तहत सभी राज्यों को लागू करना होगा जरूरी
छोटी बच्चियों के साथ अमानवीय तरीके से घटित होने वाली दुष्कर्म की घटनाओं को देखते हुए सभी सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए आत्मरक्षा से जुड़े प्रशिक्षण को अनिवार्य बनाने का फैसला लिया गया है। यह ट्रेनिंग कक्षा एक से 12वीं तक पढ़ने वाली सभी बालिकाओं को दी जाएगी। पहले चरण में इस के तहत देश भर के करीब 2.11 लाख स्कूलों को शामिल किया गया है। इनमें करीब 1.34 लाख प्राथमिक स्कूल भी शामिल हैं। खासबात यह है कि स्कूली शिक्षा से जुड़ी केंद्र की तमाम बैठकों का बहिष्कार करने वाले पश्चिम बंगाल को भी इस में प्रमुखता से शामिल किया गया है।
केंद्र ने बालिकाओं को प्रशिक्षण दिलाने की इस के तहत राज्यों को 164 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय मदद भी जारी कर दी है। वहीं के तहत स्कूलों में साल में कम से कम दो बार एक-एक हफ्ते की विशेष ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। इनमें जूड़ो-कराटे और मार्शल आर्ट के तहत बचाव से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा स्कूलों में प्रतिदिन होने वाले खेलकूद और शारीरिक व्यायाम की गतिविधियों में भी इसे शामिल किया जाएगा। 1स्कूलों में इसके पाठ भी पढ़ाएंगे। जिसमें बच्चों को ‘गुड टच और बैड टच’ के बारे में भी समझाया जाएगा।
मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देश में स्कूलों को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए क्षेत्र के पुलिस थानों से भी मदद लेने की सुझाव दिया गया है। मौजूदा समय में आत्मरक्षा के प्रशिक्षण की व्यवस्था सिर्फ सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में ही थी।
समग्र शिक्षा के तहत सभी राज्यों को लागू करना होगा जरूरी
पहले चरण में दो लाख से ज्यादा स्कूलों से होगी शुरुआत, केंद्र ने जारी की 164 करोड़ की राशि 1उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा 41 करोड़ की दी गई मदद1स्कूलों में बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिलाने के लिए केंद्र ने सबसे ज्यादा 41 करोड़ रुपये की राशि अकेले उत्तर प्रदेश को दी है। जहां 45 हजार से ज्यादा स्कूलों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं बिहार को पांच करोड़ रुपये की मदद दी गई है, इसका लाभ करीब छह हजार स्कूलों को मिलेगा। राजस्थान को करीब 24 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिसका लाभ वहां के करीब 33 हजार स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को मिलेगा।
केंद्र ने बालिकाओं को प्रशिक्षण दिलाने की इस के तहत राज्यों को 164 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय मदद भी जारी कर दी है। वहीं के तहत स्कूलों में साल में कम से कम दो बार एक-एक हफ्ते की विशेष ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। इनमें जूड़ो-कराटे और मार्शल आर्ट के तहत बचाव से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा स्कूलों में प्रतिदिन होने वाले खेलकूद और शारीरिक व्यायाम की गतिविधियों में भी इसे शामिल किया जाएगा। 1स्कूलों में इसके पाठ भी पढ़ाएंगे। जिसमें बच्चों को ‘गुड टच और बैड टच’ के बारे में भी समझाया जाएगा।
मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देश में स्कूलों को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए क्षेत्र के पुलिस थानों से भी मदद लेने की सुझाव दिया गया है। मौजूदा समय में आत्मरक्षा के प्रशिक्षण की व्यवस्था सिर्फ सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में ही थी।
समग्र शिक्षा के तहत सभी राज्यों को लागू करना होगा जरूरी
पहले चरण में दो लाख से ज्यादा स्कूलों से होगी शुरुआत, केंद्र ने जारी की 164 करोड़ की राशि 1उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा 41 करोड़ की दी गई मदद1स्कूलों में बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिलाने के लिए केंद्र ने सबसे ज्यादा 41 करोड़ रुपये की राशि अकेले उत्तर प्रदेश को दी है। जहां 45 हजार से ज्यादा स्कूलों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं बिहार को पांच करोड़ रुपये की मदद दी गई है, इसका लाभ करीब छह हजार स्कूलों को मिलेगा। राजस्थान को करीब 24 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिसका लाभ वहां के करीब 33 हजार स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को मिलेगा।
सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए अनिवार्य होगा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण, समग्र शिक्षा के तहत सभी राज्यों को लागू करना होगा जरूरी
Reviewed by CNN World News
on
September 08, 2018
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