प्रयागराज: शिक्षा के अधिकार के तहत सभी बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा मुहैया कराने के मकसद से शासन स्तर से तमाम कवायदें हो रही हैं। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को तमाम निश्शुल्क सुविधाएं (यूनिफार्म, किताबें, स्वेटर, बैग, जूते-मोजे और दोपहर का भोजन) भी दी जा रही हैं। लेकिन स्टेशनरी (कापी, पेंसिल, रबर, कलर आदि) नहीं मुहैया कराई जा रही है। इसको लेकर कुछ अधिकारी, शिक्षक और अभिभावक सवाल खड़े करते हैं।
नया शैक्षिक सत्र शुरू हो चुका है। लेकिन प्राथमिक की सिर्फ तीन विषयों की किताबें आई हैं। वह भी आधी-अधूरी। जूनियर की एक भी किताबें नहीं आई हैं। मौजूदा समय में परिषदीय विद्यालयों में कुल 51 विषयों की किताबें चल रही हैं। वहीं, यूनिफार्म के लिए 15 अप्रैल के बाद बजट आने की उम्मीद है। लेकिन शासन की ओर से बच्चों को स्टेशनरी नहीं मुहैया कराई जाती है। स्टेशनरी बहुत महंगी नहीं होती है, लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी गुजारने वाले के लिए यह भी काफी भारी पड़ता है। वह समय पर बच्चे को कापी, पेंसिल, आर्ट की कापी, कलर आदि नहीं मुहैया करा पाते हैं।
शहरी क्षेत्र में क्लब और एनजीओ के स्तर से कई विद्यालयों में स्टेशनरी उपलब्ध करा दी जाती है। लेकिन इस तरह की ज्यादा दिक्कतें ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के सामने पेश आती हैं। ऐसे में शासन से बच्चों को स्टेशनरी भी मिलने लगे तो उन्हें बहुत सहूलियत होगी।
RTE के तहत बेसिक स्कूलों में जब यूनिफार्म और किताबें तो कापी व पेंसिल क्यों नहीं?
Reviewed by CNN World News
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April 04, 2019
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