बरेली : सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के इंतजार में उत्तर प्रदेश बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा की काउंसिलिंग अटक गई है। प्रदेश के 2400 से अधिक कॉलेजों में बीएड की 10 प्रतिशत सीटें बढ़ाने का फैसला नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) को लेना है। राज्य प्रवेश परीक्षा आयोजक एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन 15 मई को एनसीटीई को सीट बढ़ोत्तरी के संबंध में पत्र लिख चुका है, ताकि काउंसिलिंग की प्रक्रिया में देरी न हो, पर अभी भी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। रुविवि प्रशासन भी उलझन में है। बीएड की प्रवेश प्रक्रिया लंबी खिंची तो विवि के अपने मुख्य प्रवेश का कामकाज प्रभावित होगा।
प्रदेश में बीएड के 2400 से अधिक कॉलेज हैं। इनमें करीब 2.12 लाख सीटें हैं। शैक्षिक सत्र 2019-20 में प्रवेश के लिए छह लाख से अधिक ने आवेदन किया था और 5.66 लाख अभ्यर्थी प्रवेश के दावेदार हैं। परीक्षा का परिणाम जारी हो चुका है। एक जून से काउंसिलिंग प्रस्तावित थी, आरक्षण पर तस्वीर साफ नहीं होने से काउंसिलिंग रुक गई है।
आरक्षण के इंतजार में अटकी बीएड की काउंसिलिंग
Reviewed by CNN World News
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June 02, 2019
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