राज्य सरकार की जूनियर हाईस्कूलों की संख्या बढ़ाने की तैयारी:
राज्य सरकार इस बार जूनियर हाईस्कूलों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही है। हर जिले से 10-10 ऐसे स्कूलों की सूची मांगी गई है जिन्हें कक्षा 8 तक किया जा सकता है। राज्य सरकार इसका प्रस्ताव अपनी वार्षिक कार्ययोजना में शामिल कर रही है। .
इस वर्ष लोकसभा चुनावों के चलते केन्द्र सरकार ने प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की बैठक फरवरी-मार्च की जगह चुनाव के बाद होना तय किया था। अभी यह बैठक जून के दूसरे हफ्ते में प्रस्तावित है। इस बैठक में राज्य सरकार हर जिले से 10-10 प्राइमरी स्कूलों को अपग्रेड करने का प्रस्ताव रखने जा रही है। अभी जूनियर हाईस्कूलों की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। ऐसे स्कूलों के प्रस्ताव मांगे गये हैं, जहां आने-जाने के लिए सुलभ साधन मिलते हों। ऐसी जगह पर हों जहां आसपास खूब आबादी हो। ऐसे स्कूलों के चयन को वरीयता पर रखा जाएगा, जहां बालिकाओं की संख्या ज्यादा होगी। वहीं आसपास मानक के मुताबिक जूनियर हाइस्कूल न हों। अभी तक हर एक किमी पर प्राइमरी स्कूल और हर तीन किलोमीटर पर जूनियर हाईस्कूल का नियम है। प्रदेश में एक लाख से ऊपर सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं, वहीं जूनियर हाईस्कूल कम हैं। .
इस वर्ष लोकसभा चुनावों के चलते केन्द्र सरकार ने प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की बैठक फरवरी-मार्च की जगह चुनाव के बाद होना तय किया था। अभी यह बैठक जून के दूसरे हफ्ते में प्रस्तावित है। इस बैठक में राज्य सरकार हर जिले से 10-10 प्राइमरी स्कूलों को अपग्रेड करने का प्रस्ताव रखने जा रही है। अभी जूनियर हाईस्कूलों की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। ऐसे स्कूलों के प्रस्ताव मांगे गये हैं, जहां आने-जाने के लिए सुलभ साधन मिलते हों। ऐसी जगह पर हों जहां आसपास खूब आबादी हो। ऐसे स्कूलों के चयन को वरीयता पर रखा जाएगा, जहां बालिकाओं की संख्या ज्यादा होगी। वहीं आसपास मानक के मुताबिक जूनियर हाइस्कूल न हों। अभी तक हर एक किमी पर प्राइमरी स्कूल और हर तीन किलोमीटर पर जूनियर हाईस्कूल का नियम है। प्रदेश में एक लाख से ऊपर सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं, वहीं जूनियर हाईस्कूल कम हैं। .
राज्य सरकार की जूनियर हाईस्कूलों की संख्या बढ़ाने की तैयारी
Reviewed by CNN World News
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June 01, 2019
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