स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) (1942-2018): पढ़ें महान वैज्ञानिक हॉकिंग के योगदान (Contribution) के बारे में
स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) (1942-2018): पढ़ें महान वैज्ञानिक हॉकिंग के योगदान (Contribution) के बारे में
Stephen Hawking (स्टीफन हॉकिंग 1942-2018) THE COMPLETE BIO
Stephen Hawking (स्टीफन हॉकिंग ) Biography (1942-2018)
स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) की संतान लुसी, रॉबर्ट और टिम ने बताया कि कैंब्रिज स्थित निवास पर उनके पिता ने अंतिम सांस ली। हॉकिंग का जन्म आठ जनवरी 1942 को ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। इसी दिन महान खगोलशास्त्री (Astronomer) और भौतिक विज्ञानी गैलिलियो की 300वीं पुण्यतिथि थी। 21 वर्ष की आयु में हॉकिंग स्नायु रोग के शिकार हो गए जिससे उनका शरीर लकवाग्रस्त (Body paralyzed) हो गया। डॉक्टरों का कहना था कि उनकी आयु ज्यादा नहीं रहेगी। बीमारी के बावजूद उन्होंने कैंब्रिज में अपनी पढ़ाई जारी रखी और अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद वह सबसे बड़े सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री (Largest theoretical physicist) बने। बीमारी के चलते उनका ज्यादा समय ह्वीलचेयर पर गुजरा। वह वॉयस सिंथेसाइजर के जरिये बातचीत करते थे। दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था। ऐसी हालत में भी कई उल्लेखनीय कार्य (notable works) करके वह दृढ़ता और जिज्ञासा के प्रतीक बन गए। वह 1979 से 2009 तक कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में गणित के प्रोफेसर रहे। करीब 300 साल पहले प्रसिद्ध वैज्ञानिक (notable works) आइजक न्यूटन ने यह पद संभाला था।
प्रेट्र/रायटर : स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) की संतान लुसी, रॉबर्ट और टिम ने बताया कि कैंब्रिज स्थित निवास पर उनके पिता ने अंतिम सांस ली। हॉकिंग का जन्म आठ जनवरी 1942 को ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। इसी दिन महान खगोलशास्त्री (Great astronomer) और भौतिक विज्ञानी गैलिलियो की 300वीं पुण्यतिथि थी। 21 वर्ष की आयु में हॉकिंग स्नायु रोग के शिकार हो गए जिससे उनका शरीर लकवाग्रस्त (Body paralyzed) हो गया। डॉक्टरों का कहना था कि उनकी आयु ज्यादा नहीं रहेगी। बीमारी के बावजूद उन्होंने कैंब्रिज में अपनी पढ़ाई जारी रखी और अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद वह सबसे बड़े सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री (Theoretical physicist) बने। बीमारी के चलते उनका ज्यादा समय ह्वीलचेयर पर गुजरा। वह वॉयस सिंथेसाइजर के जरिये बातचीत करते थे। दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था। ऐसी हालत में भी कई उल्लेखनीय कार्य करके वह दृढ़ता और जिज्ञासा के प्रतीक बन गए। वह 1979 से 2009 तक कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में गणित के प्रोफेसर रहे। करीब 300 साल पहले प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइजक न्यूटन ने यह पद संभाला था।ब्रड रचना की थ्योरी‘द ग्रैंड डिजाइन’ किताब में हॉकिंग ने लिखा कि ब्रड की रचना अपने आप हुई। वह ब्रड की रचना को एक स्वत:स्फूर्त घटना मानते थे। उनका कहना था कि ब्रड में गुरुत्वाकर्षण (Gravity) जैसी शक्ति की वजह से नई रचनाएं हो सकती हैं। इसके लिए ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की जरूरत नहीं है। एक शोध के आधार पर उन्होंने तर्क दिया था कि हमारा सौरमंडल अनूठा नहीं है, बल्कि कई सूरज हैं जिनके चारों ओर ग्रह चक्कर काटते हैं। नोबेल पुरस्कार नहीं मिला1हॉकिंग को कई पुरस्कार और सम्मान मिले लेकिन नोबेल पुरस्कार नहीं मिल पाया। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-2 ने जून 1989 में उन्हें कैंपेनियन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। उन्हें अल्बर्ट आइंस्टीन अवार्ड, वुल्फ प्राइज, कॉपली मेडल और फंडामेंटल फिजिक्स प्राइज से नवाजा गया। अमेरिकी नागरिक न होने के बावजूद 2009 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रेसिडेंशियल मेडल प्रदान किया।हॉकिंग के योगदान1उन्हें पहली सफलता 1970 में मिली। हॉकिंग और रोजर पेनरोज ने पूरे ब्रrांड के लिए ब्लैक होल का गणित लगाया। इस क्षेत्र में उनका मौलिक योगदान 1980 तक जारी रहा। 1982 में उन्होंने बताया कि क्वांटम उतार-चढ़ाव ब्रड में आकाशगंगाओं के विस्तार को बढ़ा सकता है। 1988 में प्रकाशित अपनी किताब ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ से वह काफी चर्चित हुए। इस किताब ने संडे टाइम्स की बेस्टसेलर की सूची में 237 सप्ताह शामिल रह कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्डस में जगह बनाई।
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Reviewed by Anonymous
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March 15, 2018
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