आंगनबाड़ी के बच्चे आधार के अधिकार से वंचित, काम पूरा करने के लिए पांच जून तय हुई थी डेडलाइन, डीएम ने डीपीओ को हर हाल में 31 जुलाई तक काम पूरा करने का दिया निर्देश
आंगनबाड़ी के बच्चे आधार के अधिकार से वंचित, काम पूरा करने के लिए पांच जून तय हुई थी डेडलाइन, डीएम ने डीपीओ को हर हाल में 31 जुलाई तक काम पूरा करने का दिया निर्देश - Primary Ka Master Shiksha Mitra
लखनऊ: पोषाहार वितरण में गड़बड़झाले पर लगाम लगाने के लिए शुरू हुई आधार
कार्ड लिंकिग योजना राजधानी में फ्लॉप साबित हुई है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर
पढ़ने वाले 28,398 बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन पाया है। जबकि इस काम को
खत्म करने के लिए बनाई गई डेडलाइन को खत्म हुए एक माह से अधिक का समय बीत
चुका है। जिलाधिकारी ने 31 जुलाई तक इस लक्ष्य को हर हाल में पूरा करने के
लिए चेताया है।
कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के हिस्से का पौष्टिक आहार उन तक पहुंचने से पहले ही बिचौलिए गायब कर देते हैं। इसे रोकने के लिए शासन ने साल भर पहले आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों को उनके आधार कार्ड से लिंक करने की व्यवस्था शुरू की थी। तय किया गया कि बच्चों को पोषण आहार दिए जाने के बाद उसकी एंट्री आधार कार्ड के अनुसार की जाएगी। वहीं, आधार कार्ड से लिंक होने के बाद प्राथमिक विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में रजिस्टर्ड बच्चों की संख्या का सही से आंकलन भी हो जाएगा। लेकिन अभी यह काम अधूरा है।
लिंक होने हैं तीन लाख बच्चे : राजधानी में 2716 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन केंद्रों पर 2.85 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, है। जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेंद्र दुबे का कहना है कि इन सभी बच्चों को आधार कार्ड से लिंक करने की प्रक्रिया चल रही है। अब तक ढाई लाख से अधिक बच्चे आधार से लिंक हो चुके हैं।
सीडीपीओ की तय होगी जिम्मेदारी: बच्चों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार करने और उन्हें आधार कार्ड से लिंक करने का काम सुपरवाइजरों का है। लेकिन आधार बनवाने के लिए मशीन की व्यवस्था कराना बाल विकास परियोजना अधिकारियों का काम है। आलम यह है कि जून में महज 1105 बच्चों का आधार कार्ड बन पाया, वह भी उनके माता पिता के प्रयासों से। जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेंद्र दुबे ने सभी सीडीपीओ को नोटिस देकर मशीन की व्यवस्था कराने और आधार कार्ड बनवाने का निर्देश दिया गया है। - Primary Ka Master Shiksha Mitra
कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के हिस्से का पौष्टिक आहार उन तक पहुंचने से पहले ही बिचौलिए गायब कर देते हैं। इसे रोकने के लिए शासन ने साल भर पहले आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों को उनके आधार कार्ड से लिंक करने की व्यवस्था शुरू की थी। तय किया गया कि बच्चों को पोषण आहार दिए जाने के बाद उसकी एंट्री आधार कार्ड के अनुसार की जाएगी। वहीं, आधार कार्ड से लिंक होने के बाद प्राथमिक विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में रजिस्टर्ड बच्चों की संख्या का सही से आंकलन भी हो जाएगा। लेकिन अभी यह काम अधूरा है।
लिंक होने हैं तीन लाख बच्चे : राजधानी में 2716 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन केंद्रों पर 2.85 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, है। जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेंद्र दुबे का कहना है कि इन सभी बच्चों को आधार कार्ड से लिंक करने की प्रक्रिया चल रही है। अब तक ढाई लाख से अधिक बच्चे आधार से लिंक हो चुके हैं।
सीडीपीओ की तय होगी जिम्मेदारी: बच्चों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार करने और उन्हें आधार कार्ड से लिंक करने का काम सुपरवाइजरों का है। लेकिन आधार बनवाने के लिए मशीन की व्यवस्था कराना बाल विकास परियोजना अधिकारियों का काम है। आलम यह है कि जून में महज 1105 बच्चों का आधार कार्ड बन पाया, वह भी उनके माता पिता के प्रयासों से। जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेंद्र दुबे ने सभी सीडीपीओ को नोटिस देकर मशीन की व्यवस्था कराने और आधार कार्ड बनवाने का निर्देश दिया गया है। - Primary Ka Master Shiksha Mitra
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Reviewed by Anonymous
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July 07, 2018
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